भारत बनेगा मैन्युफैक्चरिंग हब इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में वृद्धि
प्रधानमंत्री मोदी के विजन भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजनाएं सरकार के जोर की आधारशिला है।इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में भारत आज घरेलू निर्माण में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
आज भारत वैश्विक स्तर पर घरेलू विनिर्माण का चैंपियन बनने की ओर अग्रसर है।
हाल ही में नीति आयोग की अधिकार प्राप्त समिति ने अपनी बैठक में पीएलआई योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र के 32 लाभार्थियों को स्वीकृति दी है।नीति आयोग ने जानकारी देते हुए बताया है कि बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों के लिए संचालित पीएलआई योजना के तहत मोबाइल विनिर्माण प्रोत्साहन को मंजूरी दी गई है और पिछले 3 वर्षों में स्मार्टफोन के निर्यात में 139 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही इस योजना के तहत डिक्शन टेक्नोलॉजी की पेजेट इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड को 53.28 करोड़ रूपए के पहले संवितरण को मंजूरी दी।
नीति आयोग के मुताबिक जून 2022 तक इस योजना के तहत 1,67,770 करोड़ रूपए की बिक्री की जिसमें 65,240 करोड़ रूपए का निर्यात शामिल है।
नीति आयोग ने यह उम्मीद जताई है कि इस योजना के तहत 2025-26 तक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण बढ़कर 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा,और 7 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
नीति आयोग के अनुसार पीएलआई योजना से 28,636 लोगों को रोजगार मिला आइए जानते है पीएलआई योजना क्या है और कितने क्षेत्र है....
पीएलआई योजना क्या है
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुवात 2020 में 14 क्षेत्रों के लिए हुई। जिसमें ऑटोमोबाइल ,इलेक्ट्रॉनिक्स दूरसंचार,फार्मास्यूटिकल्स,कपड़ा,ड्रोन ,सोलर ,धातु खनन, व उन्नत रसायन सेल शामिल है।
पीएलआई योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
आपको बता दे कि PLI योजना के तहत कुल परिव्यय 38,645 करोड़ है। इसके अंतर्गत 16 कंपनियां रखी गई है जिसमें मोबाइल फोन श्रेणी के तहत 10 कंपनियां (5 वैश्विक और 5 घरेलू कंपनियां) और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के तहत 6 कंपनियां है।
वर्तमान में पीएलआई योजना का कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 2024 - 25 से 2025- 26 तक कर दिया गया है।
पीएलआई योजना इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बड़े पैमाने पर सबसे सफल उभर रही है और भारत को घरेलू चैंपियन बनाने की ओर अग्रसर है।
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