शिंजो आबे कौन है?
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान गोली से मारकर हत्या कर दी गई।आबे 2006- 2007 और 2012-2020 में दो कार्यकालों के साथ जापान के सबसे लंबे समय 9 साल तक प्रधानमंत्री रहे।सेहत खराब होने के कारण 2020 में अपने पद से इस्तीफा दिए थे।1993 में आबे पहली बार सांसद बने थे। 2006 में शिंजो आबे जापान के सबसे कम उम्र के युवा प्रधानमंत्री बने थे।आबे जापान के लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता भी थे।शिंजो आबे अपने भारतीय समकक्षों मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी दोनों के साथ विशेष सम्बंध विकसित किए।
भारत के साथ शिंजो आबे के संबंध -
शिंजो आबे के लिए भारत एक "खूबसूरत देश" था।जिसका जिक्र 2006 में शिंजो आबे ने अपनी बुक ' उत्सकुशी कुनी ई ' (towards a beautiful) में किया हैं। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे हमेशा भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में ही नहीं बल्कि रणनीतिक ढांचा बनाने में लोकतंत्र को एक साथ लाने में भूमिका निभाया है।जब आबे पहली बार पीएम बने थे उस दौरान 2007 में संसद में "दो समूहों के संगम" के बारे में बात की थी।एक तरह से इंडो पैसिफिक के जनक शिंजो आबे है। जो आज भारत - प्रशांत रणनीतिक ढांचे में हुई है जिसके केंद्र में भारत है। चीन से खतरों के खिलाफ एक समूह के रूप में क्वाड को आकार देने से लेकर मेगा ट्रेड रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशि(RCEP) के मंच पर भारत को लाने तक शिंजो आबे भारत के पक्के दोस्त थे।आबे पहली बार 2007 में भारत की यात्रा पर आए थे और संसद को संबोधित किया। पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों की दोस्ती और आगे बढ़ी। आबे जापान के पहले प्रधानमंत्री है जो 2014 के गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि रहे।2014 से मोदी के पीएम बनने के बाद से शिंजो आबे तीन बार (2014,2015,2017) भारत की यात्रा पर आए।उसी तरह पीएम मोदी भी 2014 से प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक 6 बार जापान जा चुके हैं।2015 में शिंजो आबे को प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी ले गए थे। वहां दोनो ने गंगा आरती का एक साथ आनंद लिया।2017 में आबे के भारत दौरे में पूर्वोत्तर के कई परियोजनाओं के लिए भारत और जापान के बीच समझौता हुआ।दिल्ली मेट्रो जापान की मदद से बनी। वहीं अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की परियोजना की नींव भी शिंजो आबे के सामने रखी और यह तकनीकी भारत ने जापान से ली है।2021 में शिंजो आबे को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इस तरह 1998 से निकलकर 2022 में दोनों देशों के रिश्ते आगे चलकर विदेश और रक्षमंत्री की 2+2 बैठक, मेरीटाइम सिक्योरिटी,क्वाड और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में साझेदारी बढ़ती गई है जिसकी एक महत्वपूर्ण कड़ी शिंजो आबे रहे हैं।
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