बोरिस जॉनसन को इस्तीफा क्यों देना पड़ा.....

तीन साल तक सत्ता में रहे ब्रिटिश पीएम जॉनसन को अपने में उनके खिलाफ बगावत हो गई।उनके ही सरकार में वित्तमंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद भी ब्रिटेन की राजनीति में बड़े नाम है।लिहाजा दोनों मंत्रियों के कैबिनेट से त्यागपत्र देने के बाद पार्टी के करीब 60 सांसदों और मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिए।जिससे दबाव में आकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।जॉनसन अपने कार्यकाल में कई महीनों से विवादों में घिरे हुए है।2019 में बोरिस जॉनसन को 1987 के बाद सबसे बड़ी चुनावी जीत के साथ 358 सांसदों के साथ सत्ता में आए थे।लेकिन अपने सांसदों का समर्थन खोने के कारण उन्हें अपने पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देना पड़ा है। हालांकि ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक जॉनसन ने कंजर्वेटिव पार्टी के पद से इस्तीफा दिया है लेकिन इस्तीफे के बाद भी बोरिस जॉनसन अभी कुछ समय तक कार्यवाहक पीएम पद पर बने रहेंगे।

जॉनसन से जुड़े मुख्य विवाद -

1.मई 2022 के एक रिपोर्ट में बोरिस और उनके स्टाफ द्वारा कोरोना महामारी में पार्टी करना और लॉकडाउन के उल्लंघन से जनता और कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों में गुस्सा।

2.जून 2022 में अविश्वास मत का सामना करना हालंकि इसमें जॉनसन की जीत हासिल हुई। इसमें 41फीसदी मतदान उनके खिलाफ मतदान उनके पार्टी के सदस्यों द्वारा पड़े।

3. सांसद क्रिस पिंचर के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगने के बाद भी जॉनसन ने क्रिस को डिप्टी चीफ व्हिप के रूप में नियुक्त कर दिया जिसका संसद में विरोध हुआ।

4.जीवन यापन के खर्च को लेकर संकट और टैक्स में वृद्धि भी एक बड़ा कारण है हालंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से खाद्य पदार्थ और तेल की कीमतों में वृद्धि हुई।2022 में ब्रिटेन में मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ी है फिलहाल 9.1% है।

5.2021 में तत्कालीन कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ओवेन पैटरसन ने लाबिंग के नियमों को तोड़ा है ताकि वो उन कंपनियों को लाभ पहुंचा सके जिन्होंने उन्हें भुगतान किया है।जिसके कारण काफी हंगामे के बाद पैटरसन ने इस्तीफा दिया।

5.बोरिस जॉनसन बहुमत के साथ पीएम पद पर आए थे लेकिन शुरू से आलोचना होती रही की उनके पास ईमानदारी क्षमता और दूरदर्शिता की कमी थी।

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Pooja Pandey

आईआईएमसी दिल्ली, हिंदी पत्रकारिता